गाजियाबाद। जिलाधिकारी महोदय रविन्द्र कुमार माँदड़ ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया कि
मुख्य सचिव उ0प्र0शासन पर्यावरण वन एवं जलवायु परिर्वतन अनुभाग-7 के शासनादेश के क्रम में मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में तथा मुख्य सचिव, उ०प्र० महोदश के शासनादेश कृषि अनुभाग-2 के द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण के रोकथाम के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। जिसमें बिन्दु सख्या-4 जो प्रवर्तन की कार्यवाही से सम्बन्धित है, के बिन्दु संख्या-4.3 के अनुसार तहसील स्तरीय समिति गठन करते हुए बिन्दु संख्या-4. 4 के अनुसार यथा वर्णित शासनादेश द्वारा संबंधित उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में गठित सचल दस्ते को भी फसल की कटाई के आरम्भ होने के पूर्व क्रियाशील कर दिया जाये। सचल दस्ते का यह दायित्व होगा कि फसल अवशेष जलने की घटना की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुँचकर संबंधित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। जनपद में तहसीलवार सचल दस्ते का गठन किया जाता है। तहसील स्तर पर सचल दल के अध्यक्ष उप जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्तानुसार गठित किये गये सचल दस्ते की बैठक फसल कटाई से पूर्व करते हुए सचल दस्ते के सभी सदस्यों को फसल अवशेष प्रबंधन एवं कृषि अपशिष्ट जलाये जाने से रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही से अवगत कराया जाये। कृषि विभाग द्वारा फसल कटाई से पूर्व प्रत्येक न्याय पंचायत/ब्लाक स्तर / तहसील स्तर / जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठियों का आयोजन करते हुए फसल अवशेष प्रबन्धन योजना का प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें एवं न्याय पंचायतवार कृषकों के व्हाटसप ग्रुप पर फसल अवशेष प्रबन्धन के विषय में कृषकों को जागरूक किया जाये। जनपद में गन्ने की पाती जलाये जाने की घटना अधिक घटित होती है।
Wajood Ka Chautha Stambh
FOLLOW US:
सबसे ज्यादा पड़ गई




